Dilip Kumar

Dilip Kumar : बॉलीवुड अभिनेता दिलीप कुमार का आज यानि बुधवार सुबह 6.30 बजे मुंबई में निधन हो गया। वह 98 वर्ष के थे, और कई वर्षों से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी, अभिनेता सायरा बानो हैं।फिल्म इंडस्ट्री में वो करीब छह दशकों तक सक्रिय थे और इस दौरान उन्होंने 60 से अधिक फिल्मों में, शराबी देवदास से लेकर डकैत गंगा तक, विलक्षण संवेदनशीलता के साथ कई तरह के किरदार निभाए। उन्होंने फिल्म निर्माताओं और अभिनेताओं की पीढ़ियों को प्रेरित किया।

उनकी कुछ फिल्में – अंदाज़, दीदार, देवदास, जोगन, मधुमती, नया दौर, गंगा जमना, आन, मुगल-ए-आज़म, राम और श्याम, शक्ति, मशाल – को हिंदी सिनेमा के अग्रणी स्थान दिया गया है। एक्टिंग लेजेंड दिलीप कुमार (Dilip Kumar) हिंदुजा अस्पताल में पिछले 15 दिनों से भर्ती थे। उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि अभिनेता प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित थे, जो उनके शरीर के अन्य अंगों में फैल गया था। उनके फुफ्फुस गुहा (pleural cavity) में पानी था। संक्रमण की वजह से उनके गुर्दे ठीक से कार्य नही कर रहे थे। उन्हें हफ्ते में कई बार dialysis की आवश्यकता पड़ती थी। हमने आखिरी समय में भी प्रयास किया लेकिन इससे कोई फायदा नहीं हुआ।

दिग्गज अभिनेता Dilip Kumar के निधन से एक युग का अंत  

Dilip Kumar

दिलीप कुमार कई महीनों से बिस्तर पर थे। डॉक्टर के मुताबिक वह पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थे। शरीर में कैंसर फैलने से उनकी स्थिति नाजुक बन गयी थी एवं इलाज करना मुश्किल हो गया। अभिनेता का इलाज कर रहे डॉक्टरों में से एक, पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ जलील पारकर ने उनकी मृत्यु पर शोक व्यक्त किया।

इस बीच, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभिनेता की मृत्यु सांस्कृतिक दुनिया के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। बता दें कि उनका जन्म 11 दिसंबर 1922 को पेशावर में मोहम्मद युसूफ खान के रूप में हुआ था। उनका स्क्रीन नाम अभिनेत्री देविका रानी द्वारा दिया गया था, जिन्होंने उन्हें 1944 में अपनी पहली फिल्म ज्वार भाटा में कास्ट किया था। फिल्मों में अभिनय और निर्माण के साथ, कुमार ने नितिन बोस की गंगा जमना (1961) सहित अपनी कुछ फिल्मों का निर्देशन भी किया था।

1970 के दशक में कई असफलताओं के बाद, अभिनेता ने पांच साल का ब्रेक लिया। उन्होंने 1980 के दशक में मल्टी-स्टारर क्रांति (1981) के साथ वापसी की, और विधाता (1982), शक्ति (1982), कर्मा (1986) और मशाल (1984) जैसी फिल्मों में यादगार भूमिका निभाई। वो आखिरी बार 1998 में फिल्म किला में नजर आए थे। दिलीप कुमार (Dilip Kumar) ने अपनी यादगार भूमिकाओं के लिए कई पुरस्कार जीते। उन्हें पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। पाकिस्तानी सरकार ने उन्हें 1998 में अपने सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार निशान-ए-इम्तियाज से सम्मानित किया था।

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