इस ब्लॉग में हम आपको Samas Kitne Prakar Ke Hote Hain के बारे में जानकरी देंगे। लेकिन उससे पहले आइए जानते हैं की समास किसे कहते हैं।
समास किसे कहते हैं?
समास एक साथ काम करने वाले दो या दो से अधिक शब्दों से बने अलग-अलग शब्द होते हैं। वे भाषण के अधिकांश भाग हो सकते हैं, जिनमें संज्ञा, क्रिया, विशेषण, क्रियाविशेषण शामिल हैं।
जब उन शब्दों को जोड़कर एक समास बनता है, तो उस शब्द का अपना नया अर्थ होता है।।समास में पहले वाले पद को पूर्वपद और बाद वाले पद को उत्तरपद कहते हैं।
Samas Kitne Prakar Ke Hote Hain?
यह 6 प्रकार के होते हैं। नीचे इसके बारे में उदहारण सहित जानकारी दी गई है।
द्वन्द समास
द्वन्द समास में दोनों पद प्रधान होते हैं। इसका समास विग्रह करने के लिए हम और तथा एवं शब्दों का प्रयोग करते हैं।
उदहारण: नर-नारी नर और नारी
कोमल-कठोर कोमल एवं कठोर\
इसके तीन प्रकार होते हैं :
- इतरेतर द्वन्द्व समास
- समाहार द्वन्द्व समास
- विकल्प द्वन्द्व समास
तत्पुरुष समास
तत्पुरुष समास में उत्तरपद प्रधान होता है। इस समास में हम को, से, के लिए, से, का/के/की, में, पर आदि का प्रयोग करते हैं।
उदहारण: यशप्राप्त : यश को प्राप्त
मनमाना : मन से माना हुआ
सत्याग्रह : सत्य के लिए आग्रह
बंधनमुक्त : बंधन से मुक्त
राष्ट्रगौरव : राष्ट्र का गौरव
गृहप्रवेश : गृह में प्रवेश
आपबीती : आप पर बीती
इसके छः भेद होते हैं:
- कर्म तत्पुरुष समास
- करण तत्पुरुष समास
- सम्प्रदान तत्पुरुष समास
- अपादान तत्पुरुष समास
- सम्बन्ध तत्पुरुष समास
- अधिकरण तत्पुरुष समास
अव्ययीभाव समास
अव्ययीभाव समास में प्रथम पद प्रधान होता है। और वाक्य में समस्त पद क्रिया विशेषण का काम करता है | इस समास में हम अनु, आ, प्रति, यथा, भर, हर इत्यादि शब्दों का प्रयोग करते हैं।
उदहारण: आजन्म – जन्म से लेकर
प्रतिदिन – प्रत्येक दिन
यथारुचि – रूचि के अनुसार
भरपेट – पेट भरकर
कर्मधारय समास
कर्मधारय समास में यदि पहला पद विशेषण हो और दूसरा पद विशेष्य पद हो, या एक पद उपमा हो और दूसरा पद उपमेय होता है।
उदहारण: महावीर – महान है जो वीर
भवजल – भव रूपी जल
मृगलोचन – मृग के समान लोचन
पर्णकुटी – पर्ण से बनी कुटी
द्विगु समास
द्विगु समास एक यौगिक शब्द है जिसमें पहला पद संख्यावाचक शब्द है और दूसरा पद संज्ञा शब्द है और सभी पद समूह का अर्थ बताते हैं। इस समास के समास-विग्रह के अंत में दोनों पद लिखे गए हैं और ‘का समूह या का समाहर’ लिखा गया है।
उदहारण: नवरात्र = नौ रात्रियों का समाहार
त्रिरत्न = तीन रत्नों का समूह
बहुव्रीहि समास
जब किसी यौगिक शब्द के पहले और दूसरे दोनों शब्द अपना मूल अर्थ खो देते हैं और अन्य अर्थ प्रकट करने लगते हैं, तो उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं। इस संदर्भ में दोनों शब्द गौण हैं, जिसका अर्थ है कि दूसरे शब्द का अर्थ प्रमुख है। इसका समास विग्रह करने के लिए हम कौन-से/किसके/किसके/किस आदि शब्दों का प्रयोग करते हैं।
उदहारण: उमेश = उमा का है ईश जो वह (शिव जी)
मीनाक्षी =मीन के समान आँख है जिसकी