नई आबकारी नीति के लागू होने के बाद, दिल्ली सरकार में भ्रष्टाचार के आरोप उठने लगे हैं। यह नीति शराब की दरों में कमी और रिटेलर्स को डिस्काउंट देने की छूट देने का उद्देश्य रखती है। हालांकि, इसके साथ ही उठे जाने वाले आरोपों के अनुसार, धांधली के तथ्य भी सामने आए हैं। “Delhi Liquor Scam” मामले को लेकर CBI की तरफ से हुई जांच में अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विश्वासपात्र
मनीष सिसोदिया और संजय सिंह भी शामिल हैं। इसके परिणामस्वरूप, आम आदमी पार्टी को मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
Delhi Liquor Scam – दिल्ली का शराब घोटाला क्या है?
नई आबकारी नीति लॉन्च होने के बाद, शराब की कीमतें कम हो गईं और डिस्काउंट देने की छूट भी मिली, लेकिन बीजेपी ने इसके खिलाफ आरोप लगाए कि शराब लाइसेंस बांटने में धांधली हुई। चुनिंदा डीलर्स को फायदा पहुंचाया गया था। इसके परिणामस्वरूप, यह Delhi Liquor Scam मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच चल रही है।
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Delhi Liquor Scam – कौन-कौन हैं आरोपी?
इस मामले में 15 व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। सबसे मुख्य आरोपी मनीष सिसोदिया हैं, जिन्हें इस मामले में नंबर 1 आरोपी बताया जा रहा है।
- मनीष सिसोदिया
- संजय सिंह
- अरवा गोपी कृष्णा
- आनंद तिवारी
- पंकज भटनागर
- विजय नायर
- मनोज राय
- अमनदीप धल
- समीर महेंद्रू
- अमित अरोड़ा
- दिनेश अरोड़ा
- महादेव लिकर्स
- सनी मारवाह
- अरुण रामचंद्र पिल्लई
- अर्जुन पांडेय
मनीष सिसोदिया पर आरोप:
नई शराब नीति के अनुसार, कोरोना काल में हुए नुकसान की भरपाई के लिए शराब बेचने वाली कंपनियों की 144.36 करोड़ रुपए की लाइसेंस फीस माफ कर दी गई है। इसके अलावा, विदेशी शराब और बियर के केस पर मनमाने ढंग से 50 रुपये प्रति केस की छूट दी गई है, जिसका फायदा कंपनियों ने उठाया है। इसके अलावा, एक ब्लैक लिस्टेड कंपनी को दो जोनों के ठेके दे दिए गए हैं।
कार्टल पर पाबंदी के बावजूद, शराब विक्रेता कंपनियों को लाइसेंस दी गई है। दोनों जोनों में शराब निर्माता कंपनी को रिटेल सेक्टर में शराब बेचने की इजाजत दी गई है। इस समय के दौरान, ठेकेदारों का कमीशन 2.5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया है।
यह नई नीति न केवल मास्टर प्लान के नियमों का उल्लंघन कर रही है, बल्कि जीएनसीटी एक्ट-1991, ट्रांजैक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स 1993, दिल्ली एक्साइज एक्ट 2009 और दिल्ली एक्साइज रूल्स 2010 का भी उल्लंघन कर रही है। इससे सामाजिक और न्यायिक विवाद भी उत्पन्न हो सकते है। इस तरह के नियमों के अनुशासन का अभाव न केवल विभिन्न कंपनियों को अन्यायपूर्ण लाभ पहुंचा सकता है, बल्कि भारत सरकार की वित्तीय स्थिति को भी प्रभावित कर सकता है।
Delhi Liquor Scam – संजय सिंह की गिरफ्तारी
राज्यसभा सांसद और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह को भी “Delhi Liquor Scam” मामले में शामिल किया गया है। उन्हें ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें पांच दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है। इस वक्त 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और जांच जारी है।
इस मामले से आम आदमी पार्टी को बड़ी मुश्किलें आ सकती हैं, क्योंकि संजय सिंह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विश्वासपात्र हैं।
“Delhi Liquor Scam” मामले में हुई करवाई और उसका परिणाम
संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता पुलिस से उलझ गए। इस दौरान पुलिस और आप कार्यकर्ताओं के बीच जमकर धक्कामुक्की हुई। जिसके बाद फिर संजय सिंह की गिरफ्तारी पर बोले दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष, जिसमे कांग्रेस की तरफ से ये बयां आया कि “कांग्रेस किसी भी प्रकार की अनियमितता का समर्थन नहीं करती है और शराब नीति मामले में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। यदि कोई व्यक्ति इसमें शामिल पाया जाता है तो उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए”।
इसमें संजय सिंह कि गिरफ्तारी के बाद उनके पिता ने भी जांच में सहयोग का आश्वासन दिया है। इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने इस गिरफ्तारी को गैर – कानूनी और बीजेपी कि तरफ से राजनितिक प्रतिशोध भरा दृष्टिकोण रखा है। जिसमे दिल्ली की मंत्री और आप नेता आतिशी ने भी अपना पक्ष रखते हुए इसे बीजेपी कि हताशा बताया है।
संजय सिंह कि गिरफ्तारी के बाद उनकी पत्नी ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि “भगवान और न्यायपालिका पर भरोसा है”। इस पूरी घटना के बाद राजनितिक दलों कि तरफ से कई प्रतिक्रिया देखने को मिली जिसमे पक्ष और विपक्ष सभी पार्टी के नेताओ ने प्रतिक्रिया दी और इन सभी बड़े नेताओ के द्वारा दी गई प्रतिक्रिया और बयां उनके अपने राजनितिक करियर में भी अहम् भूमिका निभाने में अपना योगदान देगा फिर चाहे वह नकारात्मक हो या सकारात्मक हो।
“Delhi Liquor Scam” मामले को लेकर हो रही करवाई में संजय सिंह का नाम जनवरी महीने में ही चार्जशीट के अंतर्गत जोड़ा गया था।