Bilkis Bano Case : 27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती ट्रेन में आग लगने के बाद गुजरात हिंसक हो गया था। ट्रेन में 59 कारसेवक मारे गए थे, हिंसा फैलने के डर से तत्कालीन पांच माह की गर्भवती बिलकिस बानो (Bilkis Bano Case) अपनी साढ़े तीन साल की बेटी और परिवार के 15 अन्य सदस्यों के साथ अपने गांव रंधिकपुर से भाग गई थी।
उन्होंने छपरवाड़ जिले (Chhaparwad District) में शरण ली। हालांकि, 3 मार्च को उन पर हंसिया, तलवार और लाठियों से लैस करीब 20-30 लोगों ने हमला किया था। हमलावरों में 11 आरोपी युवक थे।
Bilkis Bano Case : बिलकिस बानो केस क्या है
इस दौरान बिलकिस, उनकी मां और तीन अन्य महिलाओं (Bilkis Bano Rape Case) के साथ बलात्कार किया गया और उन्हें बेरहमी से पीटा गया। जिस समय ये घटना हुई, उस समय बिलकिस (Gujrat Riot 2002) 5 महीने की गर्भवती थीं। इतना ही नहीं, उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या भी कर दी थी। बाकी 6 सदस्य वहां से भाग गए थे।

कई रिपोर्टों के अनुसार, बिलकिस (Kya Hai Bilkis Bano Case) को घटना के तीन घंटे बाद होश आया और एक आदिवासी महिला से कपड़े उधार लेने के बाद वह शिकायत दर्ज कराने के लिए लिमखेड़ा पुलिस स्टेशन (Limkheda Police Station) गई, और वहां अपनी शिकायत दर्ज करायी।
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