ब्रिटिश प्राइम मिनिस्टर बोरिस जॉनसन ने शुक्रवार को कॉर्नवाल में G-7 शिखर सम्मेलन की शुरुआत में घोषणा की कि ब्रिटेन अगले साल के अंत तक दुनिया को कोरोना वायरस वैक्सीन की 10 करोड़ खुराकें दान में देगा। शिखर सम्मेलन के बैठकों के आरम्भ होने से पहले मेजबान के तौर पर प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने COVID-19 महामारी पर कंट्रोल पाने के लिए एक ठोस एवं महत्वपूर्ण कदम उठाने का निर्णय लिया। G-7 समूह के सदस्य देशों में ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, जापान और इटली शामिल हैं। इन देशों के शीर्ष नेताओं के साथ यूरोपीय यूनियन और गेस्ट देशों के रूप में भारत, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया तथा ऑस्ट्रेलिया के नेतागण भी इस शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे।

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भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इस बैठक को डिजिटल माध्यम से संबोधित करेंगे। ऐसी अटकलें लगायी जा रही है कि इस शिखर सम्मेलन में विश्व को कोरोना वैक्सीन की कम से कम एक अरब खुराकें दान में देने की घोषणा की जाएगी। प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा कि COVID-19 महामारी के प्रारंभिक दिनों से ही ब्रिटेन ने इस जानलेवा बीमारी से मानवता की रक्षा करने के कोशिशों का निरंतर नेतृत्व किया है। पिछले साल सबसे पहले ब्रिटेन ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर इस अभूतपूर्व कार्य में हर संभव सहायता मुहैया कराया है।

जॉनसन ने कहा कि इस अभूतपूर्व संरचना (मॉडल) में लोगों को व्यावसायिक हित से ऊपर रखा गया है जिसका परिणाम है कि अब तक लगभग 160 देशों में आधा अरब से अधिक कोरोना वायरस वैक्सीन की खुराकें दी जा चुकी हैं। उन्होंने ये भी कहा कि ब्रिटेन के टीकाकरण कार्यक्रम की सफलता के मद्देनज़र उनका देश अपनी कुछ खुराकें उन लोगों को देने की स्थिति में हैं जिन्हें इसकी अधिक आवश्यकता है। प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा, मुझे उम्मीद है कि G-7 शिखर सम्मेलन में मेरे सहयोगी नेता भी इसी तरह का संकल्प लेंगे ताकि हम 2022 के अंत तक पूरी दुनिया का टीकाकरण कर सकें और कोरोना वायरस से और कारगर तरीके से लड़ सकें। एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन इस साल सितंबर के अंत तक कोरोना वायरस वैक्सीन की 50 लाख खुराकें दान में देगा और इसकी शुरुआत आने वाले कुछ हफ्तों में होगी और यह मुख्य रूप से दुनिया के सबसे गरीब एवं छोटे देशों के लिए होगी।

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