Covid-19 3rd Wave

Covid-19 3rd Wave : भारत इस समय कोरोना कि तीसरी लहर से जूझ रहा है। दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) की तुलना में ओमिक्रोन (Omicron Variants) में ज्यादा संक्रमण दिख रहा है। यह एक ऐसा वैरिएंट है, जिसमे डेल्टा से ज्यादा म्युटेशन भी हुए हैं। 32 के करीब म्युटेशन तो इसके स्पाइक प्रोटीन में देखे गये हैं। फिर, इसमें बॉडी की इम्युनिटी पॉवर को भेदने की भी ताकत है।

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चूँकि, कोवैक्सीन को छोड़कर तमाम टीके स्पाइक प्रोटीन के आधार पर ही विकसित किये गये हैं और नये ओमिक्रोंन स्वरुप के स्पाइक प्रोटीन में ही बदलाव हुआ है इसलिए ये टीके की दोनों खुराक ले चुके लोगों को भी संक्रमित करने में सफल रहा है। इसके बावजूद राहत वाली बात ये है कि इसमें गंभीर रोगी तुलनात्मक रूप से बहुत कम दिख रहे हैं। ओमिक्रोन का प्रकोप ऐसा है कि जिन देशों में पूर्ण रूप से टीकाकरण हो चूका है, वहां भी लोग इस नये स्वरुप से संक्रमित हो रहे हैं।

इसके अलावा ऐसे देश जहाँ टीकाकरण कि गति काफी सुस्त है, वहां भी यह नया वैरिएंट लोगों को काफी परेशान कर रहा है। हाँ ये बात है कि जिनको पूर्व में कोरोना हो चूका है, उनको यह वायरस का नया स्वरुप बहुत ज्यादा परेशान नही कर पा रहा है। इसका मतलब ये है कि, पूर्व में संक्रमण की वजह से हमारे बॉडी में जो नेचुरल इम्युनिटी बनी है, वो कुछ हद तक कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वैरिएंट के खिलाफ असरदार है।

हलांकि, इसका मतलब ये नही हुआ कि दोबारा संक्रमण नही हो सकता है। कुछेक मामलों में दुबारा इन्फेक्शन भी देखे गये हैं, पर इसके लक्षण बहुत ही मामूली से हैं। दूसरी लहर के दौरान डेल्टा वैरिएंट कि वजह से लोगों कि श्वसन प्रणाली प्रभावित हुयी थी, जिनको सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी। मगर इस नये ओमिक्रोन स्वरुप में ऐसा कुछ नही है।  यह बहुत ज्यादा परेशान नही कर रहा है। इसमें मृत्यु दर भी डेल्टा स्वरुप कि तुलना में काफी कम है।

Covid-19 3rd Wave :  सावधानी सबसे बेहतर विकल्प 

फिर भी ये डर बना हुआ है कि अगर संक्रमण काफी तेजी से फैलता रहा, तो हेल्थ सेक्टर प्रभावित हो सकता है। इस असमंजस से निकलने के लिए हमे कुछ अधिक और असरदार प्रयास करने होंगे। यह बात सही है कि जब कोई संक्रमण कम्युनिटी ट्रांसमिशन के लेवल पर फ़ैल जाए तो अस्पतालों पर बोझ काफी अधिक बढ़ जाता है।

हमारे देश में सर्दियों में वैसे ही सर्दी-बुखार एवं फ्लू के मरीजों की संख्या काफी बढ़ जाती है। मगर ओमिक्रोन (Covid-19 3rd Wave) में सभी मरीजों का अस्पताल आना अनिवार्य नही है। भारत में केवल दस फीसदी आबादी को ही ओपीडी में एवं मात्र एक प्रतिशत आबादी को अस्पताल में सँभालने की क्षमता है। अगर इस से ज्यादा मरीज़ आने लगेंगे तो स्वास्थ्य सेवाएं हांफने लगेंगी।

समूचे विश्व में किसी भी देश में ऐसी स्वास्थ्य सेवा नही है जो अपने सभी लोगों का एक साथ इलाज कर सके। इसलिए, हमे अब अपनी रणनीति बदलनी होगी। इसी हिसाब से लोगों को हिदायत भी दी जा रही है। जैसे, हलके लक्षण वाले मरीजों का घर पर ही इलाज किया जा रहा है। हम घरेलु नुस्खों एवं सरकार द्वारा जरी दिशा-निर्देशों द्वारा तीन से पांच दिनों में मरीज़ को ठीक कर सकते हैं।

चूँकि, मरीजों में गंभीर लक्षण नही दिख रहे हैं इसलिए घर पर ही आराम करना उचित होगा।  बुखार, सर्दी, जुखाम आदि होने पर डाक्टरी परामर्श के अनुसार मरीज़ को दवा लेनी चाहिए। इसमें डरने या घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नही है। हाँ, एक बात ये भी है कि टीकाकरण (Covid-19 3rd Wave) को लेके लोगों में अभी भी संदेह है, जो सरासर गलत है। इसके लिए ये हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करें ताकि जल्द से जल्द इस महामारी पर विजय प्राप्त किया जा सके।

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