पश्चिम बंगाल और ओडिशा में खतरनाक तबाही मचाते हुए चक्रवाती तूफान ‘यास’ बुधवार की रात 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की तेज़ हवाओं और भारी बारिश के साथ बिहार-झारखंड की सीमा में पहुंच गया है। इस विकराल चक्रवात के कारण गुरुवार दोपहर तक तूफान के चलते झारखंड के कोल्हान इलाके में 90 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की आशंका है। वहीं अधिकतर जिलों में यास चक्रवात भयंकर तबाही लेके आया है,जगह-जगह सड़कों पर पेड़,बिजली के खम्भे गिर जाने से यातायात भी बाधित है। सरकार अपने नागरिकों से गुज़ारिश कर रही है कि घरों में रहे और सुरक्षित रहे।
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वहीं बंगाल के दीघा और उसके आसपास के स्थानों पर चक्रवाती तूफान ‘यास’ ने अत्याधिक तबाही मचाई है। समुद्र तट के निकट की अधिकतर सड़कें पानी से भर गईं हैं। वहीं, तूफान ‘यास’ ओडिशा के तटीय जिलों बालासोर और भद्रक में तबाही के अनेक निशान छोड़कर गया है। इन जगहों पर बड़ी संख्या में पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए, निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है और कच्चे मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ओडिशा के प्रभावित जिलों में अनेक स्थानों पर लोग मंगलवार की रात से विद्युत्-सेवा ठप होने के कारण बिना बिजली के रह रहे हैं।
चक्रवाती तूफान यास से निपटने को तैयारी युद्धस्तर पर बिहार सरकार द्वारा की जा रही है। खासकर दक्षिण बिहार के जिलों में विशेष सावधानी बरती जा रही है। कैमूर के रास्ते ये चक्रवाती तूफ़ान बिहार में प्रवेश कर चुका है। हालाँकि बुधवार से ही इसका प्रभाव शुरू हो गया है। गुरुवार को प्रवेश के साथ ही राज्य पर इसका विशेष प्रभाव दिखना शुरू हो गया है । तूफान का विशेष प्रभाव दो दिन यानी 27 से 28 मई तक रहेगा। इस दौरान राज्य में 40 किलोमीटर प्रति प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। कई इलाकों में तेज बारिश के साथ वज्रपात की आशंका है। मौसम विभाग ने इसे लेकर अलग-अलग जिलों में येलो एवं रेड अलर्ट जारी किया है।