Mahashivratri 2022 : इस वर्ष महाशिवरात्रि का त्योहार 1 मार्च दिन मंगलवार को मनाया जाएगा। शिव भक्तों (Lord Shiv) के लिए महाशिवरात्रि किसी पर्व (Hindu festival) से कम नहीं है। इस दिन शिव जी के भक्त न केवल पूरी श्रद्धा से पूजा अर्चना करते हैं। बल्कि शिवजी को प्रसन्न करने के लिए व्रत (Mahashivratri vrat) भी करते हैं।
ऐसे में जब भगवान शिव का जिक्र हुआ है तो उनकी प्रिय चीजों में से एक है रुद्राक्ष (Rudraksha)। आपको बता दें कि रुद्राक्ष को धारण करने (Mahashivratri 2022 Shubh Muhoorat) का नियम होता है। भगवान शिवजी को खुश करने हेतु मंत्रों का जाप (Mahashivratri 2022) करने के लिए रुद्राक्ष का इस्तेमाल करते हैं। चलिए आपको बताते हैं कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति कैसे हुई।
Mahashivratri 2022 : इस तरह रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई
भगवान शिव हजारों वर्षों से अपनी (Rudraksha Kya Hai) साधना कर रहे थे। जब एक दिन अचानक से उनकी आंख खुलीं तो उनकी आंखों से आंसू की बूंद टपककर पृथ्वी पर गिर पड़ी। उस आंसू की बूंद से रुद्राक्ष (What Is Rudraksha) की उत्पत्ति हुई। रुद्राक्ष के पेड़ मानव कल्याण के लिए पूरी पृथ्वी पर फैल गए। तभी से भगवान शिव की (Mahashivratri vrat 2022) पूजा या भगवान शिव के मंत्रों के जाप के लिए रुद्राक्ष का इस्तेमाल किया जाता है।
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