Mauni Amavasya 2022 : आज 1 फरवरी को मौनी अमावस्या है। हिन्दू मान्यताओं एवं पंचांग के अनुसार साल की महत्वपूर्ण अमावस्याओं में से एक मौनी अमावस्या के दिन गंगा में स्नान करना और उपवास रखना बहुत शुभ माना जाता है। मौनी अमावस्या जिसे माघ अमावस्या के रूप में भी जाना जाता है और पितृ अमावस्या (Mauni Amavasya 2022) भी कहा जाता है, माघ महीने की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। जिसका धार्मिक रूप से बहुत खास महत्व है।
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ऐसा मन जाता है मान्यता है कि इस दिन कुंडली के दोष से मुक्ति मिल सकती है और इस दिन पितरों के नाम तर्पण करने से उन्हें तृप्ति मिलती हैं। बता दें कि महीने में एक बार अमावस्या और एक बार पूर्णिमा का दिन होता। अमावस्या को अशुभ दिन मानते हैं क्योंकि इस दिन नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) का प्रभाव बहुत ज्यादा होता है। परन्तु पूजा, जप तप के लिए यह दिन बहुत ही शुभ होता है। इसके स्वामी पितृ देव है, इस दिन किसी भी तरह के शुभ कार्य को नहीं करना चाहिए वरना फायदे की जगह नुकसान होने की संभावना बहुत ज्यादा रहती है।
Mauni Amavasya 2022 : मौनी अमावस्या को ऐसे कार्य भूलकर भी न करें
लड़ाई-झगड़े और क्लेश से दूर रहे
आपको बता दें कि अमावस्या के दिन देवता, पितर देवता होते हैं। घर में सुख-शांति और खुशी का माहौल पितरों की कृपा की से बनता है। पितरों को खुश करने और कृपा पाने के लिए जहां तक हो सके स्वंय पर और कंट्रोल रखें तथा किसी से भी गाली-गलौज और मारपीट ना करें। घर-परिवार में प्यार एवं खुशनुमा माहौल बनाकर रखें। ज्यादा से ज्यादा जप एवं पूजा पाठ करे, ऐसा करने से पितर खुश होकर अपना आशीर्वाद देते हैं। इस दिन होने वाले घर के क्लेश से पितृ नाराज़ होते हैं। जिससे आपको और आपके परिवार को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
कोई महत्वपूर्ण फैसला न लें
कोई महत्व फैसला लेने से बचना चाहिए क्योंकि इस दिन मन का संतुलन सामान्य ना होने की वजह से लिया गया कोई भी महत्वपूर्ण और बड़ा फैसला गलत साबित हो सकता है। इसलिए आपके द्वारा लिया फैसला आपको परेशानी में डाल सकता है। इसलिए इससे बचने की जरुरत होती है।
गरीब का भूलकर भी अपमान ना करें
इस दिन गरीब या जरूरतमंद इंसान की मदद जरुर करें। मदद ना भी कर सके तो, कम से कम उसका अपमान ना करें। गरीब आदमी के दिल को ठेस पहुंचाने से शनि और राहु-केतु नाराज़ हो जाते हैं और उनके प्रकोप से आपके जीवन में उथल-पुथल मच सकती है।
श्मशान भूमि में जाने से बचना चाहिए
अमावस्या के दिन शमशान भूमि के आसपास या अंदर जाने से बचें क्योंकि इस दिन और रात में नकारात्मक शक्तियों (Negative Forces) का प्रभाव बहुत ज्यादा होता है जो, आप को अपनी चपेट में ले कर आप को नुकसान पहुंचा सकते हैं। मानसिक और शारीरिक दोनों तकलीफ को से परेशान कर सकती हैं।
शारीरिक एवं यौन-संबंध बनाने से बचें
अमावस्या के दिन स्त्री हो या पुरुष दोनों को अपने मन पर नियंत्रण रखना जरूरी होता है। मन में गलत भाव नहीं आने देना चाहिए। इस दिन शारीरिक संबंध बनाने से जीवन में उलझनें बढ़ती है, साथ ही इसदिन के संबंध से पैदा हुई संतान जीवन भर दुखी रहती है।
इन वृक्षों के नीचे न जाएँ
मेहंदी, बरगद, इमली, पीपल के पेड़ो के नीचे न जाएं। क्यूंकि इन पेड़ो पर नकरात्मक उर्जाओं का वास होता है। जो अमावस्या को ज्यादा शक्तिशाली हो जाते है। ये शक्तियां आपको मानसिक एवं शारीरिक स्तर पर नुकसान पंहुचा सकती हैं।
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