प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने महान भारतीय धावक मिल्खा सिंह के निधन पर गहरा शोक जताया है। लगभग एक महीने तक कोरोना वायरस (Corona) संक्रमण से लड़ने के बाद शुक्रवार की रात चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर (PGIMER) में 91 साल की उम्र में निधन हो गया।

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राष्‍ट्रपति राम नाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी एक बयान में कहा, स्पोर्टिंग एवं यूथ आइकन मिल्खा सिंह के निधन से मेरा दिल दुख से भर गया है। उनके जीवन-संघर्ष और चरित्र की ताकत की कहानी करोड़ों भारतीयों की पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करती रहेगी। उनके परिवार एवं प्रिय-जन और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना।

वहीं, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के महान धावक मिल्खा सिंह के निधन पर गहरा शोक जताते हुए कहा कि भारत ने एक ऐसा महान खिलाड़ी खो दिया, जिनके जीवन से उदीयमान और नवोदित खिलाड़ियों को सदैव प्रेरणा मिलती रहेगी। उनके परिवार-जन और दुनिया भर में उनके प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।

1960 के रोम ओलंपिक में सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन

एशियाई खेलों चार बार स्वर्ण पदक विजेता मिल्खा ने 1958 राष्ट्रमंडल खेलों में भी पीला तमगा हासिल किया था। उनका अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हालांकि 1960 के रोम ओलंपिक में था, जिसमें वह 400 मीटर फाइनल में चौथे स्थान पर रहे थे। उन्होंने 1956 और 1964 ओलंपिक में भी भारतीय-दल का नेतृत्व किया था। उन्हें 1959 में भारतीय सरकार द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया था। पाकिस्तान में हुए खेल में मिल्खा सिंह की जीत के बाद पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति फील्ड मार्शल अयूब खान ने ‘फ्लाइंग सिख’ का नाम दिया। अब्दुल खालिक को हराने के बाद अयूब खान मिल्खा सिंह से कहा था, आज तुम दौड़े नहीं उड़े हो। इसलिए हम तुम्हें फ्लाइंग सिख का खिताब देते हैं।

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