एक तरफ जहां पूरा विश्व कोरोना के डर के साये में जी रहा है, वहीं OTT प्लेटफार्म कुछ हद तक कोरोना काल के तनाव को कम करने में अपनी अच्छी भूमिका निभा रहे हैं। ऐसे समय में अगर आपको घर में ही रहकर अगर इस वीकएंड कोई अच्छी फिल्म देखने का मन करे तो पूरे परिवार के साथ देखने लायक फिल्म रिलीज़ हुई है, द टुमारो वॉर (The Tomorrow War)। कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में अपना तांडव दिखाया है। ना जाने कितनी जानें चली गईं, कितने घर तबाह हो गए। फिल्म ‘द टुमारो वॉर’ कठिन संघर्ष से जूझते एक परिवार की ही कहानी है। फिल्म का ट्रेलर देख कर ये लगा था कि ये आज के लोगों के भविष्य में जाकर कोई लड़ाई लड़ने की कहानी है। लेकिन, ये सिर्फ फिल्म का एक पक्ष है। फिल्म की असली कहानी है एक पिता और एक बेटी का अनोखा रिश्ता, जो एक साथ मौत से मुकाबला करते हुए और मजबूत होता है।

ADVERTISEMENT

दमदार कहानी और बेजोड़ अभिनय वाली फिल्म में क्रिस मैकके का निर्देशन भी उम्दा है

फिल्म द टुमारो वॉर (The Tomorrow War) मुख्य किरदार डैन फॉरेस्टर की कहानी है। वर्तमान समय में वह एक स्कूल में शिक्षक की नौकरी करते है। उनका एक छोटा सा परिवार है जिसमे एक नौ साल की बेटी है और एक खूबसूरत पत्नी है। एक फुटबॉल मैच के दौरान स्टेडियम में भविष्य के कुछ लोग उतरते हैं। मैच के दौरान ये खुलासा होता है कि अब से करीब 30 साल बाद के भविष्य में मानवता पर खतरा है। धरती पर मानवता का नामोनिशान मिट जाएगा अगर वर्तमान के लोगों ने भविष्य में जाकर इंसानों को नहीं बचाया तो। जिन लोगों को भविष्य की इस निर्णायक लड़ाई में जाने के लिए चुना जाता है, उनमें डैन फॉरेस्टर भी शामिल है। भविष्य का युद्ध बहुत ही ज्यादा भयानक है, और जिनसे मुकाबला है वे प्राणी और भी भयानक हैं। सब कुछ सांसें रोक देने वाला होता है, इसी बीच डैन का सामना होता है अपनी बेटी से। जिसे वह अतीत में नौ साल की उम्र में छोड़कर आया था। वह यहां भविष्य में सेना की कर्नल है। बस फिल्म यहीं से दर्शकों को अपनी पकड़ मे लेना शुरू कर देती है।

जैसे जैसे उनके साथ फिल्म के अन्य कलाकार जे के सिमन्स, सैम रिचर्डसन, एडविन हॉज आदि जुड़ना शुरू होते हैं, कहानी भावुक होने के साथ-साथ अपनी पकड़ बनाने लगती है। लेकिन फिल्म ‘द टुमारो वॉर’ का असली टर्निंग प्वाइंट है डैन का भविष्य में अपनी बड़ी हो चुकी बेटी से आमना-सामना, जिसने अपने पिता का भविष्य देख रखा है। उसने अपने माता और पिता का बिछुड़ना और अपने पिता का मरना भी देख रखा है क्योंकि वह वर्तमान समय से करीब 30 साल आगे है। लेकिन डैन के पास अब भी समय है कि वह वर्तमान में लौटकर, वह सब ठीक कर देने का जिसे उसकी भविष्य में मिली उसकी बेटी जी चुकी है। फिल्म की कहानी का ये प्लॉट बहुत ही मार्मिक है और फिल्म ‘द टुमारो वॉर’ की सबसे बड़ी यूएसपी (USP) भी।

फिल्म का इमोशनल प्लाट और फिल्मांकन बेहतरीन है

एक बेटी के पिता के रूप में क्रिस को देखना भावुक करता है तो अपने पिता से मदद मांगने वाले सीन में भी वह दर्शकों का दिल जीत लेते हैं। फिल्म का अंतिम सीन तो वाकई बहुत मर्मस्पर्शी बन पड़ा है जब तीन पीढ़ियां एक साथ एक फ्रेम में होती है। फिल्म ‘द टुमारो वॉर’ में क्रिस प्रैट के अलावा यूवॉन स्ट्रॉवस्की और जे के सिमन्स भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं। यूवॉन ने फिल्म में क्रिस प्रैट की बड़ी हो चुकी बेटी का किरदार बहुत ही शानदार तरीके से निभाया है। यूवॉन का अभिनय यहां बहुत ही स्वाभाविक है, तब भी जब वह अपने पिता से रिश्ते खराब होने की बात बताती है और तब भी जब वह मौत के करीब खड़ी होती है। 

दमदार कहानी और बेजोड़ अभिनय वाली फिल्म ‘द टुमारो वॉर’ में क्रिस मैकके का निर्देशन भी बेहद ही उम्दा रहा है। फिल्म के सेट डिज़ाइनर केन बारथेलमे के बनाए एलियंस के साथ इंसानी कलाकारों का मिश्रण ही इस फिल्म के निर्देशन की जान है। दुनिया की तमाम महाशक्तियों के एक साझा मिशन बेस पर एक ही ऊंचे पोल पर लहराते झंडे भले कुछ सेकंड के लिए ही फिल्म में दिखते हों लेकिन ये निर्देशक के दृष्टिकोण और उनकी सोच दिखाने में कामयाब रहते हैं। फिल्म की कमजोर कड़ियां इसका बैकग्राउंड म्यूजिक और संपादन है। फिल्म को अंतर्राष्ट्रीय अपील देने के लिए इसके बैकग्राउंड संगीत को सिर्फ वेस्टर्न म्यूजिक पर आत्मनिर्भर नहीं रहना चाहिए था। खासकर रूस में फिल्माए गए फिल्म के दृश्यों में। फिल्म दो घंटे से ज्यादा अवधि की है, ओटीटी (OTT प्लेटफार्म) रिलीज के हिसाब से इसकी अवधि थोड़ी कम की जा सकती है। कुल मिला कर कहा जाए तो इस तनाव भरे समय में ये एक अच्छा विकल्प है मूड को तरो-ताजा करने का।

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक एवं फॉलो करें तथा विस्तार से न्यूज़ पढने के लिए हिंदीरिपब्लिक.कॉम विजिट करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here