कोरोना महामारी के कारण साल भर से स्थगित हुए टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympic 2020) की तारीख घोषित कर दी गई है। इस बीच भारत ने खेलों के इस महाकुंभ के उद्घाटन समारोह (opening ceremony) के लिए अपने ध्वजवाहकों (Flag Bearers) के नामों की घोषणा कर दी है। छह बार की वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियन (World Boxing Champion) मैरी कॉम (MC Mary Kom) और भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह (Manpreet Singh) इन खेलों के उद्घाटन समारोह में भारतीय दल की तरफ से ध्वजवाहक होंगे।
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टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत की तरफ से पदक की दौर में सबसे मजबूत दावेदारों में से एक पहलवान बजरंग पूनिया 8 अगस्त को समापन समारोह (Closing Ceremony) में भारतीय ध्वजवाहक की भूमिका निभाएंगे। भारतीय ओलंपिक संघ (Indian Olympic Association) द्वारा टोक्यो ओलंपिक आयोजन समिति को इस फैसले की सूचना दे दी गयी है। खेलों के इस महाकुम्भ की शुरुआत 23 जुलाई से टोक्यो में हो रही है। ये पहला मौका है, जबकि ओलंपिक खेलों में भारत के 2 ध्वज-वाहक होंगे।
Tokyo Olympic 2020 में पहली बार दो-दो धव्ज्वाहक शामिल होंगे
Indian Olympic Association प्रमुख नरिंदर बत्रा ने हाल ही में आगामी टोक्यो ओलंपिक में लैंगिक समानता (Gender Equality) को सुनिश्चित करने के लिए इस बात की जानकारी दी थी। वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियन मैरी कॉम ने भारतीय ध्वजवाहक के रूप में चुने जाने के बाद PTI-भाषा से कहा, निश्चित ही यह मेरी जिंदगी का बहुत बड़ा पल होगा क्योंकि यह मेरा आखिरी ओलंपिक है।
मेरे लिए यह एक काफी अहम् और भावनात्मक पल साबित हो सकता है। मैरी ने आगे कहा कि उद्घाटन समारोह के दौरान भारतीय दल की अगुवाई करने का मौका पाकर मैं वास्तव में काफी सम्मानित और गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। इस जिम्मेदारी के लिए मेरा चयन करने के लिए मैं राष्ट्रीय खेल मंत्रालय और भारतीय ओलंपिक संघ को धन्यवाद देती हूं।
आपको बता दें कि रियो डी जनेरियो में 2016 खेलों के उद्घाटन समारोह में देश के एकमात्र व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा ध्वजवाहक थे। मालूम हो कि कोविड-19 महामारी के कारण एक साल के लिए स्थगित हुए टोक्यो ओलंपिक में इस बार 100 से अधिक भारतीय खिलाड़ी अपनी दावेदारी पेश करेंगे। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने पिछले साल लैंगिक समानता (Gender Equality) को बढ़ावा देने हेतु कार्यकारी बोर्ड की बैठक में उद्घाटन समारोह में महिला और पुरुष ध्वजवाहकों के लिए प्रावधान किया था।